यदि मैं पक्षी होती
यदि मैं पक्षी होती , तो दूर दूर तक उड़ती रहती कभी भी निचे न आती, बस दाना चुगने आती l ऊंचा ऊंचा उड़ती रहती, रोके भी न रुकती कोई मुझे बुलाता , तो भी मैं न सुनती l कभी मैं सहेलियों के साथ पकड़ा पकड़ी खेलती, कभी कभी तो बादलों में, खेलती लुका-छिपी l …